Hindi Diwas and  World Hindi Day Information 

हिंदी दिवस का इतिहास:

भारत की आज़ादी के दो साल बाद 1949 में हिंदी को भाषा के रूप में मान्यता दी गयी और देवनागरी लिपि में लिखी गई एक इंडो-आर्यन भाषा को, नवगठित राष्ट्र की आधिकारिक भाषा के रूप में अपनाया गया। देश को मिली आज़ादी के बाद, अब संविधान में नियमों और कानून के अलावा नए राष्ट्र की आधिकारिक भाषा का मुद्दा भी अहम था। तब 14 सितंबर 1949 को, संविधान सभा ने एक मत होकर हिंदी भाषा को राजभाषा बनाने का फैसला लिया। कुछ साल बाद, जवाहरलाल नेहरू की सरकार ने इस ऐतिहासिक दिन के महत्व को देखते हुए, हर साल भारत में 14 सितंबर को हिन्दी दिवस के रूप में मनाने का फैसला किया और साल 1953 में पहली बार हिंदी दिवस मनाया गया।

विश्व हिंदी दिवस का इतिहास:

10 जनवरी 1975 में नागपुर, महाराष्ट्र में हुआ पहला विश्व हिंदी सम्मेलन है, जिसका उद्घाटन तत्कालीन प्रधान मंत्री इंदिरा गांधी ने किया था। पहले सम्मेलन के मुख्य अतिथि मॉरीशस के प्रधानमंत्री सीवोसागुर रामगुलाम थे। इसमें 30 देशों के 122 प्रतिनिधियों ने भाग लिया। 2006 में तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने 10 जनवरी को विश्व हिंदी दिवस घोषित किया था। इस अवसर का एक अन्य उद्देश्य हिंदी को अंतर्राष्ट्रीय भाषा के रूप में प्रस्तुत करना है।

राष्ट्रीय हिंदी दिवस और विश्व हिंदी दिवस में क्या अंतर है?

विश्व हिंदी दिवस 10 जनवरी को मनाया जाता है और राष्ट्रीय हिंदी दिवस 14 सितंबर को मनाया जाता है। 14 सितम्बर 1949 को हिंदी को भारत की राजभाषा माना गया लेकिन 10 जनवरी 2006 से विश्व हिन्दी दिवस की शुरुआत हुई। हिंदी दिवस को सिर्फ भारत में मनाया जाता है लेकिन अंतरराष्ट्रीय हिंदी दिवस को पूरी दुनिया में मनाया जाता है।