तमाम प्रयासों के बाद जब 1947 में आखिरकार देश आजाद हुआ तो देश को तिरंगा झंडा मिला।
1931 में बने झंडे को ही एक बदलाव के साथ 22 जुलाई, 1947 में संविधान सभा की बैठक में भारत का राष्ट्रीय ध्वज स्वीकार किया गया।
इस ध्वज में चरखे की जगह सम्राट अशोक के धर्म चक्र को गहरे नीले रंग में दिखाया गया है। 24 तीलियों वाले चक्र को विधि का चक्र भी कहते हैं।
इसमें ऊपर केसरिया, बीच में सफेद और नीचे हरे रंग की पट्टी है। तीनों समानुपात में है। इसकी लंबाई - चौड़ाई दो बाय तीन है।
दावा (कि सुरय्या बद्र-उद-दीन तैयबजी हमारे राष्ट्रीय ध्वज के डिजाइनर हैं)
श्रीमती सुरैया बद्र-उद-दीन तैयबजी का जन्म 1919 में हैदराबाद में हुआ था। उनके पति बदरुद्दीन तैयबजी एक आईसीएस अधिकारी थे। सुरय्या बद्र-उद-दीन-तैयबजी को मुस्लिम मिरर द्वारा एक कलाकार और डिजाइनर होने की सूचना दी गई है। कथित तौर पर उनकी मृत्यु 1978 में मुंबई में हुई थी।