Information About Iron Pillar of Delhi in Hindi
जानिए दिल्ली के लौह स्तंभ के बारे में कुछ जानकारी इन हिंदी
www.likhti.com | May 17, 2023
भारत का इतिहास कई ऐसे रहस्यों से भरा हुआ है जिसके बारे में हम हमेशा सोचते तो हैं, लेकिन कभी भी उन्हें पूरी तरह से समझा नहीं जा सका है।
ऐसे कई ऐतिहासिक स्थान हैं जिनकी जानकारी के लिए वैज्ञानिक भी अटकलें लगाते रहे हैं, लेकिन उनके बारे में कुछ भी साफतौर पर नहीं पता चल पाया है।
आज भी दिल्ली के कुतुब मीनार कॉम्प्लेक्स में एक ऐसा इतिहास छुपा हुआ है। जिसे कीर्ति स्तंभ कहां जाता है जो 1600 सालों से भी पुराना माना जाता है।
कभी नहीं लगी इस स्तंभ में जंग-
इतने सालों बाद भी इसमें जंग नहीं लगी है और यही बात इसे खास बनाती है। हालांकि, इसे किस राजा ने बनवाया था इसे लेकर अभी भी इतिहासकारों की अलग-अलग राय है, लेकिन फिर भी चंद्रगुप्त के काल से ही इसे जोड़ा जाता है।
इसे क्यों बनवाया गया और इसे बनवाते समय ऐसी किस चीज़ का इस्तेमाल हुआ जिससे इसमें अभी तक जंग नहीं लगी ये एक रहस्य ही है।
इस स्तंभ का डिजाइन कैसा है?
ये 6 टन से भी ज्यादा भार का स्तंभ 48cm डायामीटर के साथ बना हुआ है और इसमें 6 लाइन का ब्राह्मी लिपि का मैसेज गढ़ा गया है। हालांकि, इसके ऊपरी हिस्से में गरुड़ देव के चिन्ह बने हुए हैं जो इसे और भी ज्यादा रहस्यमयी बनाते हैं क्योंकि अगर इसे ध्वज के लिए इस्तेमाल किया जाना था तो इसमें ये चिन्ह नहीं होने थे।
मन्नत पूरी करने वाला स्तंभ?
लोग अपनी पीठ को टिकाकर इस खंबे के सहारे खड़े हो जाते और हाथों को उल्टा कर पकड़ने की कोशिश करते। ऐसा माना जाता है कि जो इसे करने में सफल हो गया उसकी एक मन्नत पूरी हो जाएगी।
1997 तक इस खंभे के इर्द-गिर्द फेंसिंग नहीं लगाई गई थी, लेकिन उसके बाद इस खंभे के निचले आधे हिस्से के चारों ओर एक बाड़ लगा दी गई थी।
एक भारतीय पुरावशेष ने 1838 में लौह स्तंभ पर शिलालेखों की व्याख्या की, और इन्हें बाद में एशियाटिक सोसाइटी ऑफ बंगाल जर्नल में अनुवादित और मुद्रित किया गया। इससे पहले लौह स्तंभ के बारे में कुछ भी ज्ञात नहीं था। दिल्ली में कुतुब मीनार को देखने जब भी जाएं तब इसे देखना ना भूलें।
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