40+ Shayari on Eyes in Hindi आँखों पर शायरी Aankhon Par Shayari Hindi
“आँखे” जो कुदरत की एक ऐसी देन है जिससे हम इस दुनिया को देख पाते है और जो हर किसी के चेहरे पर अहम भूमिका रखती है। लेकिन किसी-किसी की आँखे इतनी खूबसूरत होती है कि हम उसे देखते ही रह जाते है। किसी की नशीली आंखें, किसी की भूरी आंखें, किसी की छोटी आंखें, तो किसी की बड़ी आंखें चेहरे पर चार चांद लगा देती हैं।
अगर आप भी आंखों पर शायरी ढूंढ रहे है और किसी ख़ास इंसान को भेजना चाहते है तो आप इस पोस्ट में देख सकते है 40+ Shayari on Eyes in Hindi आँखों पर शायरी Aankhon Par Shayari Hindi जो आपको बहुत पसंद आएंगी। तो चलिए पढ़ते है…
Shayari on Eyes in Hindi 2 Line आँखों पर शायरी 2 लाइन
जो उनकी आँखों से बयां होते हैं,
वो लफ्ज शायरी में कहाँ होते हैं !
तैरना तो आता था हमें लेकिन,
तेरी आखों में डूब जाना अच्छा लगता है !
चलो हम उजड़े शहर के शहजादे ही सही,
मगर तुम्हारी आँखे बताती है विरान तुम भी हो !
तुम्हारी याद में आँखों का रतजगा है,
कोई ख़्वाब नया आए तो कैसे आए?
सुना है लोग नजरों को भी पढ़ लेते हैं,
तुम अपनी आँखों को झुकाए रखना !
पानी में तैरना सीख ले मेरे दोस्त,
आँखों में डूबने वालों का अंजाम बुरा होता है !
कैद खाने है बिन सलाखो के,
कुछ यूँ चर्चे है तुम्हारी हसीन आँखो के !
डूबा हुआ हूँ ना निकल पाऊँगा मैं कभी,
खूबसूरत आँखों से तेरी !
होंठो पर हसी आँखो में नमी है,
हर सांस कहती है बस तेरी ही एक कमी है !
मुस्कुरा के देखा तो कलेजे में चुभ गयी,
खँजर से भी तेज लगती हैं आँखें तेरी !
पैगाम लिया है कभी पैगाम दिया है,
आँखों ने मोहब्बत में बड़ा काम किया है !
आँखों की बात है आँखों को ही कहने दो,
कुछ लफ्ज लबों पर मैले हो जाते हैं !
करीब आ तेरी आँखों में मैं खुद को देख लूँ,
बहुत दिनों से मैंने आइना नहीं देखा !
आँखों में नमी सी है चुप-चुप से वो बैठे हैं,
न जाने क्या हुआ है क्यों वो उदास बैठे हैं !
ख़्वाब लफ्जों में नहीं ढलते,
काश आँखें पढ़ा करे कोई !
रह गये लाखों कलेजा थामकर,
आँख जिस तरफ़ तुम्हारी उठ गई !
इश्क के फूल खिलते हैं तेरी खूबसूरत आँखों में,
जहाँ देखे तू एक नजर वहाँ खुशबू बिखर जाए !
बिना पूछे ही सुलझ जाती हैं सवालों की गुत्थियाँ,
कुछ आँखें इतनी हाज़िर-जवाब होती हैं !
उसकी कुदरत देखता हूँ तेरी आँखें देखकर,
दो पियालों में भरी है कैसे लाखों मन शराब !
सौ सौ उम्मीदें बंधती है, इक-इक निगाह पर,
मुझको न ऐसे प्यार से देखा करे कोई !
मैं उम्र भर जिनका न कोई दे सका जवाब,
वह इक नजर में, इतने सवालात कर गये ?
होता है राजे-इश्को-मुहब्बत इन्हीं से फाश,
आँखें जुबाँ नहीं है मगर बेजुबाँ भी नहीं !
कोई दीवाना दौड़ के लिपट न जाये कहीं,
आँखों में आँखें डालकर देखा न कीजिए !
मुझ से कहती थीं वो शराब आँखें,
आप वो ज़हर मत पिया कीजिये !
क्या कशिश थी उस की आँखों में मत पूछो?
मुझ से मेरा दिल लड़ पड़ा मुझे यही चाहिये?
जाने क्यों डूब जाता हूँ हर बार इन्हें देख कर,
एक दरिया हैं या पूरा समंदर हैं आँखें तेरी !
कभी बैठा के सामने पूछेंगे तेरी आँखो से,
किसने सिखाया है इन्हें हर दिल में उतर जाना !
तेरी सूरत जो भरी रहती है आँखों में सदा,
अजनबी चेहरे भी पहचाने से लगते हैं मुझे !
सुकून की तलाश में तुम्हारी आँखों में झाँका था,
किसे पता था कम्बखत दिल का दर्द और मिल जाएगा !
अगर कुछ सीखना ही है तो आँखों को पढ़ना सीख लो,
वरना लफ्जों के मतलब तो हजारों निकाल लेते है लोग !
निगाहों से कत्ल कर दे न हो तकलीफ दोनों को,
तुझे खंजर उठाने की मुझे गर्दन झुकाने की !
देखा है मेरी नजरों ने एक रंग छलकते पैमाने का,
यूँ खुलती है आँख किसी की जैसे खुले दर मैखाने का !
अब तो उससे मिलना और भी जरूरी हो गया है,
सुना है उसकी आँखो मै मेरा अक्स नजर आने लगा है !
Shayari on Eyes in Hindi आँखों पर शायरी Aankhon Par Shayari Hindi
महफिल अजीब है ना ये मंजर अजीब है,
जो उसने चलाया वो खंजर अजीब है,
ना डूबने देता है ना उबरने देता है,
उसकी आँखों का वो समंदर अजीब है !
मुझे तेरी हर निशानी प्यारी है,
फिर चाहे वो दिल का दर्द,
हो या आँखों का पानी !
आपकी आँखें उठी तो दुआ बन गई,
आपकी आँखें झुकी तो अदा बन गई,
झुक कर उठी तो हया बन गई,
उठ कर झुकी तो सदा बन गई !
नशीली आँखों से वो जब हमें देखते हैं,
हम घबराकर आँखें झुका लेते हैं,
कौन मिलाए उनकी आँखों से ऑंखें,
सुना है वो आँखों से अपना बना लेते हैं !
रात गुजारी फिर महकती सुबह आई,
दिल धड़का फिर तुम्हारी याद आई,
आँखों ने महसूस किया उस हवा को,
जो तुम्हें छूकर हमारे पास आई !
आँखों से आँखें मिला कर तो देखो,
हमारे दिल से दिल लगा कर तो देखो,
सारे जहान की खुशियाँ तेरे दामन में रख देंगे,
हमारे प्यार पर जरा ऐतबार करके तो देखो !
दिल की बातें बता जाती हैं आँखें,
धड़कनों को जगा जाती हैं आँखें,
दिल पे चलता नहीं जादू चेहरे का कभी,
दिल को तो दीवाना बना जाती हैं आँखें !
उठती नहीं है आँख किसी और की तरफ,
पाबन्द कर गयी है किसी की नजर मुझे,
ईमान की तो ये है कि ईमान अब कहाँ,
काफ़िर बना गई तेरी काफ़िर-नज़र मुझे !
इतने सवाल थे मेरे पास कि,
मेरी उम्र से न सिमट सके,
जितने जवाब थे तेरे पास सभी,
तेरी एक निगाह में आ गए !
उस घड़ी देखो उनका आलम,
नींद से जब हों बोझल आँखें,
कौन मेरी नजर में समाये,
देखी हैं मैंने तुम्हारी आँखें !
मेरी आँखों में झाँकने से पहले,
जरा सोच लीजिये ऐ हुजूर…
जो हमने पलके झुका ली तो कयामत होगी,
और हमने नजरें मिला ली तो मोहब्बत होगी !
जीना मुहाल कर रखा है,
मेरी इन आँखों ने,
खुली हो तो तलाश तेरी,
बंद हो तो ख्वाब तेरे !
तेरी आँखों के जादू से,
तू ख़ुद नहीं है वाकिफ़,
ये उसे भी जीना सिखा देती हैं,
जिसे मरने का शौक़ हो !
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