40+ Best Kisan Shayari in Hindi किसान पर शायरी Kisan Par Shayari
40+ Kisan Shayari in Hindi किसान पर शायरी Kisan Par Shayari
“किसान” जिसे अन्नदाता कहा जाता है। किसान को इसलिए अन्नदाता कहा जाता क्योंकि लोग काम करते है अपना या अपने परिवार का पेट भरने के लिए, लेकिन किसान काम ही इसलिए करता है कि दूसरो का पेट भर सके।
हम सब जानते है कि किसान सबसे ज्यादा मेहनत करते हैं और उनकी आर्थिक स्थिति आज भी उतनी अच्छी नही हैं जितनी होनी चाहिए। जब हम किसी किसान के दर्द या उसकी भावनाओ को व्यक्त करना चाहते हैं तो हम शायरी या किसी कविता का सहारा लेते हैं। आज हम भी इस आर्टिकल में कुछ शायरी लेकर आए है जो किसान की भावनाओ को व्यक्त कर सके।
Kisan Shayari in Hindi Two Lines किसान पर शायरी हिंदी में दो लाइन
किसानों की राह में आने वाली बाधाएं दूर होनी चाहिए,
कृषि क्षेत्र से जुड़ा हर भ्रष्टाचार दूर जरूर होना चाहिए!
छत टपकती हैं उसके कच्चे मकान की,
फिर भी “बारिश” हो जाये, तमन्ना हैं किसान की!
भ्रष्टाचारी सरकारें सत्ता से भगाई जायेगी,
किसानों की सोई हुई किस्मत जगाई जायेगी!
किसानों का हाल हमेशा बदहाल होता है,
सरकार कोई भी हो सिर्फ बवाल होता है!
किसान ही तो भारत देश की शान है,
फिर ठंड में सड़कों पर क्यों परेशान है?
कृषि विकास के लिए कार्य सही होना चाहिए,
किसानों के ऊपर कभी राजनीति नही होना चाहिए!
जिस दिन किसानों की तकदीर पलट जाएगी,
उस दिन भारत के तरक्की की तस्वीर बदल जाएगी!
कहाँ ले जाओगे किसान के हक का दाना,
इस दुनिया को एक दिन तुमको भी है छोड़ जाना!
Kisan Shayari in Hindi किसान पर शायरी Kisan Par Shayari
मैं किसान हूँ मुझे भरोसा हैं अपने जूनून पर,
निगाहे लगी हुई है आकाश के मानसून पर!
ये जो खुद को राशन की कतारों में खड़ा पाता हूँ मैं,
खेतों से बिछड़ने की सजा पाता हूँ मैं!
एक ईमानदार किसान को डरे सहमे हुए देखा है,
मेहनत करने के बावजूद भूख से लड़ते हुए देखा है!
खेतों का पानी अब आखों में आ गया हैं,
मेरे गाँव का किसान अब शहर में आ गया हैं!
किसान खुल के हँस तो रहा हैं फ़क़ीर होते हुए,
नेता मुस्कुरा भी न पाया अमीर होते हुए!
मर रहा सीमा पर जवान और खेतों में किसान,
कैसे कह दूँ इस दुखी मन से कि मेरा भारत महान!
किसानो से अब कहाँ वो मुलाकात करते हैं,
बस ऱोज नये ख्वाबो की बात करते हैं!
Kisan Shayari in Hindi किसान पर शायरी Kisan Par Shayari
ऐ ख़ुदा बस एक ख़्वाब सच्चा दे दे,
अबकी बरस मानसून अच्छा दे दे!
फूल खिला दे शाखों पर, पेड़ों को फल दे मालिक,
धरती जितनी प्यासी हैं उतना तो जल दे मालिक!
चीर के जमीन को, मैं उम्मीद बोता हूँ…
मैं किसान हूँ, चैन से कहाँ सोता हूँ…
ग़रीब के बच्चे भी खाना खा सके त्योहारों में,
तभी तो भगवान खुद बिक जाते हैं बाजारों में!
खेतों को जब पानी की जरूरत होती है,
तो आसमान बरसता है या तो आँखें!
खून और पसीने का ब्याज चुका कर,
किसान हमें अनाज देता है!
अब छोड़ों कीटनाशकों वाली खेती,
आओ शुरुआत करें ऑर्गेनिक वाली खेती!
मिट्टी से गहरा रिश्ता रखता हूँ,
किसान का बेटा हूँ गर्व से कहता हूँ!
ये बरगर, पिज़्ज़े आदि कहा से खाओगे…
जब किसान खेती ही नहीं करेंगा ?
नंगे पैर बारिश में जब किसान खेतों में जाता है,
तभी महकता हुआ बासमती आपके घर आता है!
Kisan Shayari in Hindi किसान पर शायरी हिंदी में
किसानों का दर्द वो
क्या समझेगे ?
जिन्होंने कभी भी
खेतों में पाँव तक नहीं रखा!
लोग कहते हैं बेटी को मार डालोगे,
तो बहू कहाँ से पाओगे?
जरा सोचो किसान को मार डालोगे,
तो रोटी कहाँ से लाओगे?
कितने अजब रंग समेटे हैं,
ये बेमौसम बारिश खुद में,
अमीर पकौड़े खाने की सोच रहा हैं,
और किसान जहर…!
नही हुआ हैं अभी सवेरा,
पूरब की लाली पहचान,
चिडियों के उठने से पहले,
खाट छोड़ उठ गया किसान!
सरकार ने किया था वादा,
किसानों की आय दूनी हो जाएगी,
क्या पता था महंगाई इतनी बढ़ेगी…
कि उनकी जेब सूनी हो जाएगी।
गरीब किसान को हैरान देखा,
जरूरतों से परेशान देखा,
देश कैसा अनोखा है,
अन्नदाता ही भूखा है!
वो जो खेतों की मेढ़ों पर उदास बैठे हैं,
उनकी आखों में अब तक ईमान बाकी है,
बादलों बरस जाना समय पर इस बार,
किसी का मकान गिरवी तो किसी का लगान बाकी है!
अनपढ़ कह कर,
किसी किसान से बतमीज़ी मत करना,
तुम पेट भरने के लिए पढ़े हो,
और किसान बिना पढ़े भी तुम्हारा पेट भर रहा है!
छोटे छोटे हाथों में छाले हो जाते हैं,
किसान के बच्चे इसलिए दिलवाले हो जाते हैं,
यही बॉर्डर पर सेना में कुर्बान हो जाते हैं,
किसान के बच्चे वक़्त से पहले जवान हो जाते हैं!
Kisan Shayari in Hindi किसान पर शायरी Kisan Par Shayari
भगवान का सौदा करता हैं,
इंसान की क़ीमत क्या जाने?
जो “धान” की क़ीमत दे न सके,
वो “जान ” की क़ीमत क्या जाने?
कहाँ छुपा के रख दूँ मैं अपने हिस्से की शराफ़त,
जिधर भी देखता हूँ उधर बेईमान खड़े हैं,
क्या खूब तरक्की कर रहा हैं अब देश देखिये,
खेतो में बिल्डर और सड़को पर किसान खड़े हैं!
ना भूखा हूँ ना भूखा,
किसी को रहने देता हूँ,
मैं गर्व से कहता हूँ,
मैं “किसान का बेटा” हूँ!
कभी ज़िया करो किसान की ज़िंदगी,
लोग महलों में रह कर भी ख़ुद को,
परेशान कहते है!
कहते है तुम किसान की बेटी हो,
तुम्हे क्या पता कॉफ़ी का स्वाद,
हमने कहा जिसमे कॉफ़ी डलती है,
वो दूध किसानों के घरों से ही आता है!
फर्क बस इतना है… कि
तुम तो कमरे के A.C में सोते हो,
और हम खुले आसमान वाले A.C में!
अगर फिट रहना है तो,
किसान की तरह मेहनत करो,
फिर गाड़ियों में gym जाने की,
जरूरत नहीं पड़ेगी!
शहर में ओलावृष्टि से,
शहरी बहुत खुश होते है बर्फ़बारी समझकर,
कभी मिल जाए फ़ुर्सत तो महसूस करिएगा दर्द,
खुद को गांव का किसान समझकर!
खेती कोई आम इंसान नहीं कर सकता,
वो तो खास इंसान ही करता है,
और वो हमारे देश का किसान है!
अगर आपको हमारा यह पोस्ट पसंद आया है तो शेयर ज़रूर करें।