40+ Bachpan Shayari in Hindi बचपन शायरी Bachpan Par Shayari in Hindi
40+ Bachpan Shayari in Hindi बचपन शायरी Bachpan Par Shayari in Hindi
“बचपन” का नाम सुनते ही न जाने कितनी यादें दिमाग़ में आ जाती है और बचपन के किस्से याद आते ही चेहरे पर एक अलग ही मुस्कान आ जाती है कि ऐसा हुआ था या ऐसे किया था। हर एक इंसान के जीवन में बचपन की अपनी-अपनी ना जाने कितनी यादें होती है, जो वो ज़रूर याद करता है।
वैसे तो इंसान के जीवन में हर वक़्त ही कीमती होता है लेकिन वो बचपन वाला समय बहुत ही हसीन होता है। क्योंकि बेवजा हँसना, रूठना, मनाना और आसानी से भूल जाना सभी बातों को … शायद इसलिए इसे बचपन कहते है। आज हम इस आर्टिकल में आप के लिए बचपन की उन्ही यादों को ताज़ा करने के लिए कुछ शायरी लेकर आए है। इस लेख की शायरी आपको पसंद आए तो आप अपने बचपन वाले दोस्तो, भाई, बहन के साथ Facebook, Instagram और WhatsApp पर भी शेयर कर सकते है।
बचपन शायरी 2 लाइन Bachpan Shayari 2 Line
सुकून की बात मत कर ऐ दोस्त…
बचपन वाला रविवार अब नहीं आता !
वो बचपन की अमीरी ना जाने कहां खो गई,
जब पानी में हमारे भी जहाज चलते थे!
कौन कहता है कि मैं जिंदा नहीं,
बस बचपन ही तो गया है बचपना नहीं!
अजीब सौदागर है ये वक़्त भी,
जवानी का लालच दे के बचपन ले गया!
कितना कुछ जनता होगा, वो दोस्त मेरे बारे में,
जो मेरी मुस्कुराहट देख कर कहता है, चल बता उदास क्यों है !
Bachpan Shayari in Hindi बचपन शायरी Bachpan Par Shayari in Hindi
चले आओ कभी टूटी हुई चूड़ी के टुकड़े से,
वो बचपन की तरह फिर से मोहब्बत नाप लेते हैं..!
किसने कहा नहीं आती वो बचपन वाली बारिश…
तुम भूल गए हो शायद अब नाव बनानी कागज़ की…!
हम भी मुस्कराते थे कभी बेपरवाह,
अन्दाज़ से देखा है आज खुद को कुछ पुरानी तस्वीरों में !
मेरा बचपन भी साथ ले आया…
जब भी आया कोई गाँव से !
हँसने का बेवजा जिस में क़िस्सा है,
बचपन वो बेहतरीन हिस्सा है !
दिल को छू लेने वाली बचपन शायरी Heart Touching Bachpan Shayari
कोई तो रुबरु करवाओ,
बेखोफ़ हुए बचपन से,
मेरा फिर से बेवजह,
मुस्कुराने का मन हैं!
वो क्या दिन थे,
मम्मी की गोद और पापा के कंधे,
ना पैसे की सोच और ना लाइफ के फंडे,
ना कल की चिंता और ना फ्यूचर के सपने,
अब कल की फिकर और अधूरे सपने,
मुड़ कर देखा तो बहुत दूर हैं अपने,
मंजिलों को ढूंढते हम कहॉं खो गए,
ना जाने क्यूँ हम इतने बड़े हो गए!
उम्र के साथ,
ज्यादा कुछ नहीं बदलता,
बस बचपन की ज़िद्द,
समझौतों में बदल जाती है!
बचपन भी क्या खूब था,
जब शामें भी हुआ करती थी,
अब तो सुबह के बाद,
सीधा रात हो जाती है!
जिंदगी की राहों में कही,
खो गया है बचपन,
ढूंढ़ता रहता हूँ मै उसे,
पता नहीं कहा गया मेरा बचपन!
बचपन है पुलों जैसा,
ना सुलझे सवालों जैसा,
ना फिक्र ना कोई गम की बात,
बचपन तो है बहते पानी जैसा!
Bachpan Shayari in Hindi बचपन शायरी Bachpan Par Shayari in Hindi
बचपन में किसी के पास घड़ी नही थी,
मगर टाइम सभी के पास था,
अब घड़ी हर एक के पास है,
मगर टाइम नही है!
महफ़िल तो जमी बचपन,
के दोस्तों के साथ,
पर अफ़सोस अब बचपन नहीं है,
किसी के पास!
जिम्मेदारियों ने वक्त से पहले,
बड़ा कर दिया साहब,
वरना बचपन हमको भी बहुत पसंद था!
इतनी चाहत तो लाखो,
रुपए पाने की भी नहीं होती,
जितनी बचपन की तस्वीर,
देखकर बचपन में जाने की होती है!
बचपन से जवानी के सफर में,
कुछ ऐसी सीढ़ियाँ चढ़ते हैं,
तब रोते-रोते हँस पड़ते थे,
अब हँसते-हँसते रो पड़ते हैं!
बचपन की मासूमियत शायरी Innocence Bachpan Shayari
रोने की वजह भी ना थी,
ना हंसने का बहाना था,
क्यो हो गए हम इतने बड़े,
इससे अच्छा तो वो बचपन का जमाना था!
याद आती है आज छुटपन की वो लोरियां,
माँ की बाहों का झूला,
आज फिर से सूना दे माँ तेरी वो लोरी,
आज झुला दे अपनी बाहों में झूला!
वो बचपन भी क्या दिन थे मेरे,
ना फ़िक्र कोई ना दर्द कोई,
बस खेलो, खाओ, सो जाओ
बस इसके सिवा कुछ याद नही!
अब वो खुशी असली नाव,
में बैठकर भी नही मिलती है,
जो बचपन में कागज की नाव,
को पानी में बहाकर मिलती है!
कितने खुबसूरत हुआ करते थे,
बचपन के वो दिन सिर्फ दो,
उंगलिया जुड़ने से दोस्ती फिर,
से शुरु हो जाया करती थी!
Bachpan Shayari in Hindi बचपन शायरी Bachpan Par Shayari in Hindi
बचपन भी बड़ा अजीब था,
हर कोई जीवन में करीब था,
क्या बात करूं उस जमाने की,
हर रिश्ता खुद में अज़ीज़ था!
कोई लौटा दे वो बचपन के दिन,
टूटे खिलौने वो मेले की जिद,
माँ की लोरी वो दादी की कहानी,
आती है याद बचपन की पुरानी!
काग़ज़ की कश्ती थी पानी का किनारा था,
खेलने की मस्ती थी ये दिल अवारा था,
कहाँ आ गए इस समझदारी के दलदल में
वो नादान बचपन भी कितना प्यारा था!
हँसते खेलते गुज़र जाये,
वैसी शाम नही आती,
होंठो पे अब बचपन वाली,
मुस्कान नही आती!
ना कुछ पाने की आशा ना कुछ खोने का डर,
बस अपनी ही धुन, बस अपने सपनो का घर,
काश मिल जाए फिर मुझे वो बचपन का पहर!
आज के जमाने से तो,
वो बचपन का जमाना अच्छा था,
बहुत कुछ खरीदकर भी,
बहुत कुछ बचा लेता था !
बचपन की दोस्ती शायरी Bachpan Ki Dosti Shayari
कुछ यूं कमाल दिखा दे ऐ जिंदगी,
वो बचपन ओर बचपन के दोस्तो,
से मिला दे ऐ जिंदगी!
बचपन की दोस्ती थी,
बचपन का प्यार था,
तू भूल गया तो क्या…
तू मेरे बचपन का यार था!
वो पुरानी साईकिल वो पुराने दोस्त,
जब भी मिलते है,
वो मेरे गांव वाला पुराना बचपन,
फिर नया हो जाता है!
कहां समझदार हो गए हम,
वो ना समझी ही प्यारी थी,
जहां हर कोई दोस्त था,
हर किसी से यारी थी!
बचपन में यारों की यारी ने,
एक तोफ़ा भी क्या खूब दिया,
उनकी बातों के चक्कर में पड़,
माँ बाप ने भी कूट लिया!
तभी तो याद है हमे,
हर वक्त बस बचपन का अंदाज,
आज भी याद आता है,
बचपन का वो खिलखिलाना,
दोस्तों से लड़ना, रूठना, मनाना!
Bachpan Shayari in Hindi बचपन शायरी Bachpan Par Shayari in Hindi
हज़ारों दोस्त आये और
हज़ारों दोस्त गए लेकिन
वो बचपन वाले दोस्त
आज भी याद है!
बचपन भी कमाल का था
खेलते खेलते चाहें छत पर सोयें
या ज़मीन पर…
आँख बिस्तर पर ही खुलती थी!
झूठ बोलते थे,
फिर भी कितने सच्चे थे,
ये उन दिनों की बात है,
जब हम भी बच्चे थे!
कितने खुबसूरत हुआ करते थे,
बचपन के वो दिन,
सिर्फ दो उंगलिया जुड़ने से,
दोस्ती फिर से शुरु हो जाया करती थी!
रोने की वजह भी न थी,
न हंसने का बहाना था,
क्यो हो गए हम इतने बडे…
इससे अच्छा तो वो बचपन का जमाना था !
ना किसी लड़की की चाहत,
ना पढ़ाई का जज्बा था…
बस चार पागल दोस्त थे और
लास्ट बेंच पर कब्ज़ा था…!
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