likhti likhti
  • Home
  • Fashion
    • Women
    • Wedding Special
  • Beauty
    • Tips and Tricks
  • Festivals
    • Important Days
  • Information
  • History
  • Travel
  • Shayari
  • Story Archives
  1. Home
  2. Information
  3. Indian Folk Dances भारत के लोक नृत्य की जानकारी इन हिंदी Bharat Ke Lok Nritya Information in Hindi
 Indian Folk Dances भारत के लोक नृत्य की जानकारी इन हिंदी Bharat Ke Lok Nritya Information in Hindi
Information History

Indian Folk Dances भारत के लोक नृत्य की जानकारी इन हिंदी Bharat Ke Lok Nritya Information in Hindi

by likhtiofficial July 13, 2022 2 Comments

Indian Folk Dances | Bharat Ke Lok Nritya Information in Hindi | भारत के लोक नृत्य की जानकारी इन हिंदी

भारत के लोक नृत्य (Folk Dances of India):

Indian Folk Dancesभारत विभिन्न संस्कृतियों और विविधता का देश है। भारत के विविध भागों में प्रचलित लोक-कथाओं, किंवदंतियों तथा मिथकों तथा स्थानीय गीत और नृत्य परम्पराओं के मेल से मिश्रित कला की समृद्ध परंपरा तैयार हुई हैं। लोक नृत्य विधाएं, सामान्यतः स्वत: प्रवर्तित, अनगढ़ होती हैं तथा उन्हें किसी औपचारिक प्रशिक्षण के बिना ही लोगों द्वारा प्रस्तुत किया जाता है। इसकी सरलता के कारण इस कला विधा को एक अन्तस्थ सौन्दर्य की प्राप्ति होती है।

Advertisement

लोक नृत्य क्या है? (What is Folk Dance?):

“वह नृत्य जो आम लोगों द्वारा विकसित किया जाता है, जो एक निश्चित देश या क्षेत्र के लोगों के जीवन और संस्कृति को प्रस्तुत करता है, उसे लोक नृत्य कहा जाता है।” ये नृत्य बहुत सरल होते हैं, और पारंपरिक संगीत के साथ किए जाते हैं।

लोक नृत्य आम तौर पर ग्रामीण क्षेत्रों में खुशी व्यक्त करने का एक माध्यम होते हैं। पहले इनका मंच पर प्रदर्शन नहीं किया जाता था। लेकिन अब इन्हें भी मंच पर प्रदर्शन के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। स्कूलों, कॉलेजो आदि में तो कम्पटीशन भी करवाए जाते है ताकि बच्चें अपनी संस्कृति से जुड़े रहे।

लोक नृत्य बहुत महत्वपूर्ण हैं क्योंकि वे किसी भी क्षेत्र की संस्कृति को जीवित रखने में काफी मदद करते हैं।

भारत में लोक नृत्य का इतिहास:

लोक नृत्य 19 वीं शताब्दी से पहले विभिन्न ग्रामीण क्षेत्रों मे उत्पन्न हुये और फिर इनका विकास मानव जीवन के साथ-साथ हुआ। ये कला विधाएं लोगों के एक विशेष वर्ग या किसी विशेष स्थान तक सीमित रह गयी हैं जिन्हें इसका ज्ञान पीढ़ी-दर-पीढ़ी स्थानांतरित होता रहा।

इसमें पुरुष, महिलाएं और कभी दोनों एक साथ नृत्य करते हैं। ग्रामीण क्षेत्रों के लोग अपनी खुशी को व्यक्त करने के लिए लोक नृत्यों को सबसे अच्छा माध्यम मानते हैं। इसलिए, ग्रामीण संस्कृति के साथ, ये लोक नृत्य भी विकसित हुए।

भारत के राज्यों के लोक नृत्य:

भारत के प्रत्येक राज्य का अपना अलग-अलग लोक नृत्य है और एक राज्य मे इनकी संख्या एक या एक से अधिक हो सकती है। भारत के कुछ प्रसिद्ध लोक नृत्य निम्नलिखित हैं:

छऊ Chhau:

छऊ शब्द छाया से निकला है जिसका अर्थ होता है – ‘परछाई’। जिसमें पौराणिक कहानियों का वर्णन करने के लिए शक्तिशाली युद्ध संबंधी संचालनों का प्रयोग किया जाता है, यह मुखौटा नृत्य का एक प्रकार है। छऊ नृत्य की कुछ कथाओं में स्वाभाविक केन्द्रीय भावों, यथा-सर्प नृत्य या मयूर नृत्य का भी प्रयोग किया जाता है।

छऊ नृत्य की तीन मुख्य शैलियाँ होती हैं – झारखंड में सरायकेला छऊ, ओडिशा में मयूरभंज छऊ तथा पश्चिम बंगाल में पुरुलिया छऊ। इनमें, मयूरभंज छऊ के कलाकार मुखौटे नहीं पहनते। 2011 में, यूनेस्को ने मानवता की अमूर्त सांस्कृतिक विरासतों की प्रतिनिधि सूची में छऊ नृत्य का नाम सम्मिलित कर लिया है।

गरबा Garba:

गरबा गुजरात का एक लोकप्रिय लोक नृत्य है , जिसे ख़ासकर नवरात्र के शुभ अवसर पर किया जाता है। गरबा का वास्तव में अर्थ है ‘गर्भ दीप’ – छिद्र युक्त मिट्टी का बर्तन जिसमें दीप प्रज्ज्वलित किया जाता हैं तथा जिसके चारों ओर महिलायें लयबद्ध तालियों के स्वर पर चक्राकार गति में नृत्य करती हैं।

डांडिया रास Dandiya Raas:

डांडिया रास एक ऊर्जायुक्त तथा रोचक लोक नृत्य विधा है, जिसमें पॉलिश की हुई छड़ियों या डांडिया का प्रयोग किया जाता है। इसमें दुर्गा तथा महिषासुर के बीच छदम युद्ध को दर्शाया जाता है।

तरंग मेल Tarang Mail:

यह गोवा का लोकप्रिय लोक नृत्य है, इसे दशहरा तथा होली के दौरान प्रस्तुत किया जाता है। इसमें क्षेत्र की युवा ऊर्जा का उत्सव मनाया जाता है। इन्द्रधनुषी पोशाकों के साथ बहुरंगी झंडों तथा कागज के रिबनों के प्रयोग से एक दर्शनीय नजारे में परिवर्तित कर दिया जाता है।

घूमर या गंगोर Ghoomar or Gangor:

यह राजस्थान में भील जनजाति की महिलाओं द्वारा प्रस्तुत किया जाने वाला एक परम्परागत लोकप्रिय लोक नृत्य है। इसकी विशेषता महिलाओं का चक्कर खा-खा कर घूमना होता है, जिससे उड़ते हुए घाघरे की बहुरंगी थर-थयहटें शानदार दिखाई देती हैं।

कालबेलिया Kalbelia:

यह राजस्थान के कालबेलिया (सपेरा) समुदाय की महिलाओं के द्वारा प्रस्तुत किया जाते वाला एक भावमय लोक नृत्य है। इसमें पोशाकें तथा नृत्य की चाल सर्प के समान होती है। बीन सपेरों द्वारा बजाया जाने वाला स्वर वाद्य यंत्र ( इस नृत्य विधा का लोकप्रिय वाद्य यंत्र) है। 2011 में यूनेस्को ने कालबेलिया लोक गीतों तथा नृत्य को मानवता की अमूर्त सांस्कृतिक विरासत की प्रतिनिधि सूची में स्थान दिया।

चारबा Charba:

यह दशहरा के अवसर के दौरान प्रस्तुत किया जाने वाला हिमाचल प्रदेश का एक लोकप्रिय लोक नृत्य है।

भांगड़ा / गिद्‌दा Bhangra / Gidda:

भांगड़ा पंजाब का एक अत्यंत ऊर्जायुक्त लोक नृत्य है। उत्साह संचार कर उत्तेजित करने वाले ढोल की थापों के साथ किया जाने वाला यह नृत्य उत्सवों के दौरान लोकप्रिय है। गिद्दा नारी का लोकप्रिय लोक नृत्य है। इसमें महिलायें लयबद्ध तालियों और पैरों की गति के साथ नृत्य करती हैं।

रासलीला Rasleela:

ब्रज रासलीला उत्तर प्रदेश क्षेत्र का एक लोकप्रिय लोक नृत्य है, जिसकी कहानी राधा और कृष्ण के किशोर प्रेम के इर्द-गिर्द घूमती है।

दादरा Dadra:

यह उत्तर प्रदेश में लोकप्रिय नृत्य का अर्द्ध शास्त्रीय रूप है, जिसकी जुगलबंदी उसी प्रकार के संगीत से होती है। यह लखनऊ क्षेत्र के दरबारी नर्तकों में अत्यधिक लोकप्रिय था।

जावरा Javra:

जावरा मध्य प्रदेश के बुंदेलखंड क्षेत्र में लोकप्रिय लोक नृत्य है और एक फसल-कटाई नृत्य है। इस नृत्य में सर पर ज्वार से भरी हुई एक टोकरी को संतुलित रखना पड़ता है। इसमें वाद्य यंत्रों के धमाकेदार संगीत का प्रयोग किया जाता है।

मटकी Matki:

मटकी नृत्य को मालवा क्षेत्र की महिलाओं के द्वारा विवाह तथा उत्सवों पर प्रस्तुत किया जाता है। मुख्यत: इसे एकल ही प्रस्तुत किया जाता है, जिसमें सिर पर बहुत-से मिट्टी के बर्तनों को संतुलित किया जाता है। आड़ा तथा खाड़ा नांच मटकी नृत्य के लोकप्रिय रूपांतर हैं।

गौर मारिया Gaur Maria:

गौर मारिया लोक नृत्य छत्तीसगढ़ के बस्तर क्षेत्र में रहने वाली भैसों के सींग को धारण करके नृत्य करने वाली मारिया जनजाति का एक महत्वपूर्ण आनुष्ठानिक नृत्य है। इस नृत्य में भैसों की गतिविधियों का अनुसरण किया जाता है तथा इसे पुरुषों तथा महिलाओं दोनों के द्वारा समूह में प्रस्तुत किया जाता है।

अलकाप Alkap:

अलकाप लोक नृत्य झारखंड की राजमहल पहाड़ियों तथा पश्चिम बंगाल के राजशाही, मुर्शिदाबाद तथा मालदा क्षेत्रों में प्रचलित एक ग्रामीण नृत्य-नाटिका प्रस्तुति है। इसे 10 से 12 नर्तकों के दल द्वारा और 1 या 2 मुख्य गायकों के साथ प्रस्तुत किया जाता है। यह दल लोकप्रिय लोक कथाओं तथा पौराणिक कहानियों को प्रस्तुत करता है, जिसमे नृत्य को काप नाम्त से मशहूर हास्य नाटिकाओं के साथ मिला कर प्रदर्शित किया जाता है। यह नृत्य सामान्यतः, शिव से संबंधित गजन पर्व से सम्बद्ध है।

बिरहा Birha:

इसमें उन महिलाओं की व्यथा का वर्णन होता है जिनके साथी घर से दूर होते हैं। यद्यपि नृत्य की इस विधा को पूरी तरह पुरुषों के द्वारा ही प्रस्तुत किया जाता है, जो महिला पात्रों की भूमिका भी निभाते हैं। अपने रूपांतर विदेशिया के साथ बिरहा नृत्य ग्रामीण बिहार में मनोरंजन का एक लोकप्रिय माध्यम है।

पैका Packa:

पैका बिहार के दक्षिणी भागों में प्रस्तुत किया जाने वाला एक युद्ध संबंधी लोक नृत्य है। पैका लम्बे भाले के एक प्रकार का नाम है। नर्तक लकड़ी के भालों तथा ढालों से लैस होते हैं तथा पैदल टुकड़ियों के व्यूह में अपने कौशल तथा स्फूर्ति का प्रदर्शन करते हैं।

जाट-जटिन Jat-Jatin:

जाट-जटिन बिहार के उत्तरी भागों और विशेषत: मिथिलांचल में लोकप्रिय लोक नृत्य है। यह नृत्य विधा एक विवाहित दंपत्ति के बीच के कोमल प्रेम तथा मीठी नोक-झोंक को अनोखे ढंग से प्रस्तुत करती है।

झूमर Jhumar:

झूमर झारखंड तथा उड़ीसा के जनजातीय लोगों द्वारा प्रस्तुत किया जाने वाला एक लोकप्रिय फसल-कटाई लोक नृत्य है। इसके दो रूपांतर हैं – जनानी झूमर जिसे महिलाएं प्रस्तुत करती हैं तथा मर्दाना झूमर जिसे पुरुष प्रस्तुत करते हैं। यह बहुत से मेलों तथा त्योहारों का मुख्य आकर्षण है।

डंडा-जात्रा Danda Nata:

डंडा नाटा या डंडा-जात्रा भारत की प्राचीनतम लोक कलाओं में से एक है। मुख्यतः उड़ीसा में प्रसिद्ध यह नृत्य, नाटक तथा संगीत का अनोखा मिश्रण है। इसमें मुख्यत: शिव की कथाएँ प्रस्तुत की जाती हैं, इसका केन्द्रीय भाव सामाजिक समरसता तथा भाईचारा ही होता है।

बिहू Bihu:

बिहू असम का एक प्रसिद्ध लोक नृत्य है, जिसे पुरुषों तथा नारियों दोनों के समृह द्वारा प्रस्तुत किया जाता है। धूम-ध्राम तथा उल्लास को व्यक्त करने के लिए नर्तक परम्परागत रंगीन पोशाकों में सजते हैं। इस नृत्य के सफल प्रदर्शन में समूह निर्माण, तीव्र हस्त-चालन तथा फुर्तीले कदमों की भूमिका होती है।

थांग टा Thang Ta:

थांग टा मणिपुर की युद्ध-कला संबंधी एक विशिष्ट लोक नृत्य विधा है। ‘थांग’ का अर्थ होता है – ‘तलवार’, तथा ‘टा’ का अर्थ होता है – ‘भाला’। यह नृत्य प्रस्तुति कौशल, रचनात्मकता तथा स्फूर्ति का अनोखा प्रदर्शन होता है, जिसमें प्रस्तुतकर्ता एक छद्‌म युद्ध श्रृंखला – कूद कर आक्रमण करना तथा बचाव करना – का अभिनय करते है।

रांगमा / बांस नृत्य Rangma Dance:

रांगमा नागाओं का युद्ध नृत्य है। रंगीन पोशाकों, आभूषणों तथा शिरस्त्राणों से सुसज्जित नर्तक, छदम युद्ध विन्यासों तथा परम्पराओं का अभिनय प्रदर्शन करते हैं।

सिंघी छाम Singhi Chham:

सिंघी छाम सिक्किम का एक लोकप्रिय मुखौटा नृत्य है। नर्तक रोएंदार वस्त्रों से सुसज्जित होते हैं जो बर्फ के शेर का प्रतीक होता है तथा खांग-चेन घेंग पा (कंचनजंगा की चोटी) को श्रद्धांजलि देते हैं।

कुम्मी Kummy:

कुम्मी तमिलनाडु तथा केरल क्षेत्र का एक लोकप्रिय लोक नृत्य है। यह नृत्य एक वर्तुल विन्यास में खड़ी महिलाओं द्वारा प्रस्तुत किया जाता है। इस नृत्य को, सामान्यतः, पोंगल या अन्य धार्मिक गतिविधियों के दौरान प्रस्तुत किया जाता है। कोलट्टम तथा पिन्‍नल कोलट्टम इस नृत्य विधा के निकटस्थ रूपांतर हैं। इस नृत्य प्रस्तुति की एक अनोखी विशेषता यह है कि इसमें किसी प्रकार का संगीत नहीं होता है। लयबद्ध तालियों द्वारा ताल को उत्पन्न किया जाता है।

मईल अट्टम Mayil Attam:

मईल अट्टम केरल तथा तमिलनाडु का एक लोक नृत्य है, जिसमे युवतियां रंगीन केश सज्जा, चोंच तथा पंख लगा कर मयूर के वेश में सजती हैं। इसे मयूर नृत्य के रूप में जाना जाता है। इसी प्रकार के अन्य नृत्यों में कालाई अट्टम, (वृषभ नृत्य), कराडी अट्टम (भालू नृत्य), आली अटूटम (राक्षस नृत्य) तथा पम्पू अटूटम (सर्प नृत्य) हैं।

बुर्राकथा Burrakatha:

बुर्राकथा या जंगम कथा आंध्र प्रदेश की एक प्रकार की नृत्य कथा है जिसमे एक एकल प्रस्तुतकर्ता पुराणों से कहानियां सुनाता है।

बुट्टा बोम्मालू Butta Bommalu

बुट्टा बोम्मालू का शाब्दिक अर्थ ‘टोकरी वाले खिलौने होता है’ तथा यह आन्ध्र पश्चिम गोदावरी जिले की प्रसिद्ध नृत्य विधा है। नर्तक विभिन्न चरित्रों के मुखौटे पहनते है जिनकी आकृतियाँ खिलौनों से मेल खाती है तथा वे नजाकत भरी चालों तथा शब्द रहित संगीत के बल पर मनोरंजन करते हैं।

कैकोट्टिकली नृत्य Kaikottikali:

कइकोटटीकली केरल का एक लोकप्रिय मंदिर नृत्य है। इसे ओणम के समय अच्छी फसल की खुशी मनाने के लिए पुरुषों तथा स्त्रियों दोनों द्वारा प्रस्तुत किया जाता है। ऐरुकाली तथा तटटामकाली इस नृत्य की मिलती जुलती नृत्य विधाएं है।

पदयानी Padayani:

पदयानी दक्षिणी केरल के मंदिरों में प्रस्तुत किया जाने वाला एक युद्ध कला संबंधी नृत्य है। पघानी का शाब्दिक अर्थ होता है – ‘पैदल सेना की पंक्तियां’ तथा यह अत्यंत समृद्ध एवं रंगा – रंग नृत्य है। नर्तक कोलम नाम के विशाल मुखौटे पहनते है तथा दैवी या अर्द्ध दैवी कथाओं की व्याख्या प्रस्तुत करते है। कुछ लोकप्रिय चरित्रों में भैरवी, कलन (मृत्यु देवता), यक्षी तथा पक्षी, इत्यादि होते है।

कोल्काली – परिचकाली Kolkali – Parichakali:

यह दक्षिणी केरल तथा लक्षद्वीप के इलाकों में एक लोकप्रिय युद्ध कला नृत्य है। कोल का अर्थ होता है – छड़ी तथा परिचा का अर्थ होता है – ढाल। नर्तक लकड़ी के बने छदम शस्त्रों का प्रयोग करते है तथा युद्ध श्रृंखलाओं का अभिनय करते हैं। प्रदर्शन धीमी गति से आरम्भ होता है, किन्तु धीरे-धीरे गति बढ़ती जाती है और अंत उन्मादपूर्ण होता है।

भूत आराधने Bhoot Aradhana:

भूत आराधने या शैतान की पूजा कर्नाटक की एक लोकप्रिय नृत्य विधा है। प्रदर्शन से पूर्व, शेेतानों की प्रतीक प्रतिमाओं को एक आधार पर रख दिया जाता है तथा नर्तक उन्मत्त हो कर नृत्य करता है जैसे उस पर किसी आत्मा ने कब्जा जमा रखा हो।

पटा कुनीथा Pata Kunitha:

यह मैसूर क्षेत्र की लोकप्रिय नृत्य विधा है। यह मुख्य रूप से पुरुषों द्वारा पटा नाम से प्रसिद्ध रंगीन रिबनों से सुसज्जित होकर, लम्बे बांस के खम्भों का प्रयोग कर प्रस्तुत किया जाने वाला एक धार्मिक नृत्य है। रंगों का बाहुल्य इसे दर्शनीय तमाशा बना देता है तथा यह सभी धर्मों के लोगों के बीच अत्यंत लोकप्रिय है, जो बंगलुरु तथा मंड्या जिलों के आस-पास के क्षेत्रों में लोकप्रिय है। पूजा कुनीथा इस नृत्य विधा का एक रूपांतर है।

यह भी पढ़ें – भारतीय शास्त्रीय नृत्य Classical Indian Dances Information In Hindi

Share This:

Tags: Bharat Ke Lok Nritya Bharat Ke Lok Nritya Information in Hindi Folk Dances in india Indian Folk Dances indian folk dances information in hindi lok nritya lok nritya in hindi नृत्य भारत के राज्यों के लोक नृत्य भारत के लोक नृत्य भारत के लोक नृत्य की जानकारी इन हिंदी भारत में लोक नृत्य का इतिहास भारतीय लोक नृत्य लोक नृत्य लोक नृत्य क्या है? लोक नृत्य जानकारी इन हिंदी
Previous post
Next post

likhtiofficial (Website)

administrator

2 Comments

  • भारतीय शास्त्रीय नृत्य Classical Indian Dances Information In Hindi says:
    July 13, 2022 at 12:41 pm

    […] भी पढ़ें – Indian Folk Dances | Bharat Ke Lok Nritya Information in Hindi – भारत के लोक नृत्य जानकारी इन […]

    Reply
  • Onam Festival 2022 Information in Hindi ओणम महोत्सव 2022 says:
    August 30, 2022 at 10:01 am

    […] […]

    Reply

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Recent Posts

  • Le Mieux Skin Care/ A Unique Approach To Skincare Excellence
  • Jan Marini Skin Care: “Radiant Skin Care”
  • Latest Winter Collection: Trendy Ideas Tips To Wear
  • Best Places To Visit In Canada: Explore Canada’s Wonders
  • Dyson Hair Dryer: Tested & Reviewed

Recent Comments

  1. Onam Festival 2022 Information in Hindi ओणम महोत्सव 2022 on Teacher’s Day 2022 Information in Hindi
  2. 30+ Raksha Bandhan Funny Shayari Jokes Status in Hindi रक्षा बंधन मजेदार चुटकुले on List of First Women of India in various fields in Hindi विभिन्न क्षेत्रों में भारत की प्रथम महिलाओं की सूची
  3. 30+ Raksha Bandhan Funny Shayari Jokes Status in Hindi रक्षा बंधन मजेदार चुटकुले on 6 Best Fabrics for Summer Season Hindi गर्मियों के मौसम के लिए परफेक्ट हैं ये फैब्रिक्स Which Fabric is Best for Summer Season Information in Hindi
  4. 30+ Raksha Bandhan Funny Shayari Jokes Status in Hindi रक्षा बंधन मजेदार चुटकुले on IPL Information in Hindi (इंडियन प्रीमियर लीग) आईपीएल की जानकारी हिंदी में
  5. 30+ Raksha Bandhan Funny Shayari Jokes Status in Hindi रक्षा बंधन मजेदार चुटकुले on Lohri Festival Information in Hindi

Archives

  • January 2025
  • December 2024
  • November 2024
  • May 2024
  • April 2024
  • February 2024
  • December 2023
  • November 2023
  • October 2023
  • September 2023
  • August 2023
  • July 2023
  • June 2023
  • April 2023
  • March 2023
  • February 2023
  • January 2023
  • November 2022
  • October 2022
  • September 2022
  • August 2022
  • July 2022
  • June 2022
  • May 2022
  • April 2022
  • March 2022
  • February 2022
  • January 2022

Categories

  • Beauty
  • Fashion
  • Festivals
  • History
  • Important Days
  • Information
  • Kids
  • Men
  • Shayari
  • Sports
  • Tips and Tricks
  • Travel
  • Wedding Special
  • Women
Follow us
likhti likhti

Copyright 2023. All Right Reserved

About Us
Web Story
Disclaimer
Privacy Policy
Terms and Conditions