Karwa Chauth 2022 Special 16 Shringar Information in Hindi करवा चौथ के लिए (16) सोलह श्रृंगार की जानकारी
करवा चौथ के लिए (16) सोलह श्रृंगार की जानकारी | Karwa Chauth Special 16 Shringar Information in Hindi
शादी ब्याह से लेकर कई त्योहारों के मौके पर महिलाओं का सजना-संवरना जरूरी होता है। सुहागिन महिलाओं का साज श्रृंगार केवल सौंदर्य नहीं बल्कि माना जाता है कि यह सब पति की लंबी आयु से भी जुड़ा होता है। शादी, तीज, करवा चौथ आदि जैसे और भी शुभ अवसरों पर विवाहित महिलाएं पूरे 16 श्रृंगार कर सजती-संवरती है। महिलाओं का सोलह श्रृंगार सौभाग्य के दृष्टि से भी बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। क्या आप जानते हैं? सुहागिन महिलाओं के सोलह श्रृंगार का महत्व और सोलह श्रृंगार में कौन-कौन से श्रृंगार शामिल होते है?
वैसे तो समय के साथ-साथ फैशन में भी बहुत तब्दीली आ गई है, सजने-संवरने के लिए बहुत-सी चीजों का इस्तेमाल किया जाने लगा है लेकिन सोलह श्रृंगार हर महिला के लिए बहुत मायने रखता है तो आज हम इस आर्टिकल में आपको सोलह श्रृंगार की जानकारी देंगे।
महिलाओं के (16) सोलह श्रृंगार
- स्नान को श्रृंगार का पहला चरण माना गया है। क्योंकि स्नान करने के बाद ही महिला अन्य श्रृंगार-प्रसाधन और आभूषणों को पहनने के लिए तैयार होती है। महिलाओं को हल्दी और चंदन के उबटन से स्नान करने का विधान है, वहीं बालों को आंवला, शिकाकाई जैसे सामग्रियो से धोया जाता था लेकिन आजकल सभी लोग साबुन और बालों के लिए शैम्पू का ही इस्तेमाल करते है। इसके बाद ही महिला वस्त्र पहनती है और फिर अन्य श्रृंगार कर सजती-संवरती हैं।
- सुहागिन महिलाओं का सिंदूर लगाना सबसे अहम श्रृंगार होता है। सिंदूर से महिलाएं अपनी मांग भरती है। माना जाता है कि इससे पति की आयु बढ़ती है।
- मंगलसूत्र महिला के सभी गहनों में खास होता है। सोने के मंगलसूत्र को काले मोती की माला में पहना जाता है और इससे बुरी नजर नहीं लगती। इसलिए मंगलसूत्र को भी सुहाग की निशानी माना जाता है।
- बिंदी या कुमकुम को भी महिलाएं माथे पर लगाती है, जिसे काफी पवित्र माना जाता है। बिंदी लगाने से न सिर्फ आपकी खूबसूरती बढ़ती है बल्कि आपको कई तरह के स्वास्थ्य लाभ भी मिलते हैं। मांथे पर बिंदी लगाने से सिर दर्द, नींद की समस्या और तनाव भी दूर होता है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि भौहों के बीच लगी बिंदी माथे के बीच में एक्यूप्रेशर देती है और इस बिंदु से नसें व रक्त कोशिकाएं सक्रिय होती है।
- नाक में महिलाएं चांदी और सोने की नथ या लौंग पहनती है। इससे महिला के चेहरे की रौनक ओर भी बढ़ जाती है।
- काजल आंखों की सुंदरता में चार चांद लगा देता है। वहीं काजल लगाने से बुरी नज़र भी नहीं लगती है।
- चूड़ियां भी सोलह श्रृंगार में पहनी जाती है। खासकर लाल और हरे रंग की चूड़ियां तीज, करवाचौथ और शादी ब्याह के मौके पर पहनी जाती है। इन रंगों की चूड़ियों को खुशी और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है।
- वैसे तो हर शादी और त्योहारों के मोके पर मेहंदी सभी स्त्रियां लगाती हैं। लेकिन सुहागिन महिलाओं का मेहंदी लगाना इसलिए शुभ माना जाता है क्योंकि यह सोलह श्रृंगार में आता है। कहा जाता है कि मेहंदी का रंग जितना गहरा होता है उसका पति उससे उतना ही प्रेम करता है।
- कानों में झुमका या बालियां भी महिलाओं के 16 श्रृंगार का हिस्सा है। अक्सर महिलाओं को सोने के झुमके पहनना ही पसंद होता है।
- सिंदूर और मंगलसूत्र की तरह पैरों की उंगलियों में बिछिया पहनना भी सुहागिन महिलाओं के सुहाग की निशानी होती है। यह भी महिलाओं के 16 श्रृंगार का महत्वपूर्ण श्रृंगार है।
- पैरों में चांदी की पायल या पाजेब पहनना भी महिलाओं के 16 श्रृंगारों में से एक श्रृंगार होता है। चांदी की पायल पहनने से सकारात्मक ऊर्जा मिलती है और ब्लड सर्कुलेशन को बनाए रखने और मासिक धर्म के दर्द को कम करने में मदद करती है।
- विवाह से पहले या सगाई के समय लड़का और लड़की दोनों एक दूसरे को अंगूठी पहनाते हैं। इसके बाद महिला शादी के बाद भी इस अंगूठी को जीवनभर पहने रहती है। यह भी 16 श्रृंगार में से एक है।
- पैरों की एड़ियों को लाल रंग से रंगा जाता है। इसे आलता कहा जाता है। आलता खासकर बंगाल, बिहार और उत्तर प्रदेश जैसे जगहों पर ज्यादा प्रचलित है। लेकिन शादी–विवाह के मौके पर हर दुल्हन का आलता से पैर रंगना जरूरी होता है। शादी के बाद भी महिलाएं शुभ मौके और पर्व त्योहारों में आलता से पैर रंगती हैं। यह भी 16 श्रृंगार में आता है।
- विवाह के बाद मांग के बीचोंबीच मांगटीका पहना जाता है। लड़की जब दुल्हन बनती है तब भी मांगटीका से उसका श्रृंगार किया जाता है। मांग टीका केवल श्रृंगार के नजरिये से महत्वपूर्ण ही नहीं अपितु इसे पहनने के पीछे वैज्ञानिक लाभ भी बताये जाते हैं। इसे पहनने से सर दर्द, मानसिक तनाव और अन्य प्रकार की मानसिक समस्याएं दूर हो जाती हैं। इससे शरीर का तापमान भी नियंत्रित रहता है।
- बालों का श्रृंगार करने के लिए बालों में सुंगधित फूल या गजरा लगाया जाता है। इसे कई जगह वेणी या चूड़ा मणि भी कहते हैं। इससे केश की सुंदरता बढ़ती है। यह भी 16 श्रृंगार में आता है।
- सोने या चांदी का बाजूबंद कड़े की तरह बना होता है। इसे बाजू में पहना जाता है। कहा जाता है कि जो महिलाएं बाजूबंद पहननी हैं उसके परिवार में धन-समृद्धि बनी रहती है। यह भी 16 श्रृंगार में से एक है।
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